
सुरेन्द्र दुबे (सीधी) सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पीड़ित परिवार ने चुरहट थाना प्रभारी दीपक बघेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता सरोज तिवारी और प्रिया तिवारी का कहना है कि थाना प्रभारी ने उनसे 25,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। रकम न देने पर, आरोप है कि फरियादी को ही अपराधी बना दिया गया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि थाना प्रभारी खुलेआम यह कहते हैं— “मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता, पुलिस ही जांच करेगी, मेरी विभागीय जांच कोई कर ही नहीं सकता, मैं इस महीने निरीक्षक बन जाऊंगा।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को संबोधित अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि, “जब से आप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री बने हैं, तब से कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।”
पीड़िता का आरोप है कि थाना प्रभारी, स्थानीय सरहंगों—सुशील त्रिपाठी, रामकुमार त्रिपाठी और ओमप्रकाश शुक्ला—को बचाने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि पैसे के लिए पुलिस किस हद तक जा सकती है, यह इस मामले में साफ दिख रहा है।
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री और गृह विभाग से तत्काल संज्ञान लेकर थाना प्रभारी दीपक बघेल और आरोपित व्यक्तियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की भी अपील की गई है।